ध्यानाभ्यास के लिए सिर, रीढ़ की हड्डी एंव कमर एक सीध में न ही विशेष तनकर न ही झुककर बैठेंगे !
ध्यानाभ्यास करने के लिए पूरब मुंह या उत्तर मुंह बैठना चाहिए , जो प्रणाम करने योग्य है उनके सामने अगर ध्यानाभ्यास करने का अवसर आ जाय तो उनके सामने बैठकर ध्यानाभ्यास करना चाहिए उसे पीठ नहीं दिखाना चाहिए !
ध्यानभ्यास करने के समय मच्छरदानी लगा लेना चाहिए या किसी कपड़े से अपने शरीर को ढक लेना चाहिए ताकि मच्छर मक्खी तंग नहीं करे !
ध्यानाभ्यास का समय है ब्रह्ममुहूर्त में यानि तीन बजे भोर में , दिन में स्नान के बाद तुरत , संध्या समय और सोते समय , सोते समय ध्यानाभ्यास करने से बुरा स्वप्न नहीं होता है !